महात्मा गाँधी जी की biography हिंदी में
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Hindi mahatma gandhi ji biography |
महात्मा गाँधी का जीवन परिचय हिंदी में :-
महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहन दास करम चन्द गाँधी था | आज पूरा विश्व उन्हें बापू के नाम से जानता है | उनके पिता का नाम करम चन्द गाँधी था |
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था | उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।
महात्मा गाँधी जी को आज हम राष्ट्रपिता के नाम से जानते हे। महात्मा गाँधी जा का विवाह 14 साल की उम्र में कस्तूरबा बाई से करवा दी गई थी।
हमेशा स्वदेशी वस्तुआ के प्रयोग पर बल देते थे उम्का लगाव खादी से बहोत था वो हमेशा खादी से बने वस्त्र पहनते थे .महात्मा गाँधी जी के तीन कथन बहोत ही प्रचलित हे जो की “न कभी बुरा बोलो” ,”न कभी बुरा सुनो” , “न कभी न कभी गलत होता हुआ देखो”
गाँधी जी हमेशा सत्य और अहिंसा पर चलते थे उनका जीवन सादगी से भरा हुआ था । उनकी प्रारम्भिक पढ़ाई पोरबंदर के मिडिल स्कूल में हुई और हाई स्कूल राजकोट से किया। हालाँकि महात्मा गाँधी जी पड़ने में एक ओसत छात्र ही थे।
मैट्रिक के बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भावनगर के शामलदास कॉलेज से की पर उनके परिवार वाले उन्हें वकालत की पढ़ाई करवाना चाहते थे तो उनको आगे की पढ़ाई वकालत में करने हेतु लंदन भेज दिया गया।
वकालत के बाद वह मुंबई आये पर वकालत में कोई सफलता नही मिली तो वो एक साल के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर चले गये।
दक्षिण अफ्रीका में गाँधी को भारतीयों पर नस्लीय भेदभावों का सामना करना करना पड़ा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ के आंदोलन किये।
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दक्षिण अफ्रीका में अपने स्कूल के दिनों की एक घटना के बारे में बताते हुए, महात्मा गांधी ने उपदेशात्मक शिक्षा के नैतिक पहलुओं में से एक को दर्शाया है – ’सही’ उत्तर प्राप्त करने का महत्व।
एक घटना थी जो हाई स्कूल में मेरे पहले वर्ष के दौरान परीक्षा में हुई थी और जो रिकॉर्डिंग के लायक है।
श्री Giles, शैक्षिक निरीक्षक, निरीक्षण की यात्रा पर आए थे। उन्होंने वर्तनी अभ्यास में लिखने के लिए हमें पाँच शब्द निर्धारित किए थे। एक शब्द था ‘केतली’।
मैंने इसका गलत मतलब निकाला था। शिक्षक ने अपने बूट के बिंदु से मुझे संकेत देने की कोशिश की, लेकिन में उनके संकेत को समझ नही पाया। यह देखना मेरे लिए परे था कि वह चाहता था कि मैं अपने पड़ोसी की स्लेट से वर्तनी की नकल करूं ।
लेकिन मैंने सोचा था कि शिक्षक नकल के खिलाफ निगरानी करने के लिए वहां था तो नक़ल नही करनी चाहिए । इसका परिणाम यह हुआ कि सभी लड़कों ने वो शब्द लिख डाले सिवाय मुझे छोडकर ।
केवल मैं मूर्ख था। शिक्षक ने बाद में इस मूर्खता को मेरे घर लाने की कोशिश की, लेकिन मैं कभी ‘नकल’ की कला नहीं सीख सका।
फिर भी यह घटना कम से कम मेरे शिक्षक के प्रति मेरे सम्मान को कम नहीं करती।
मैं स्वभाव ही ऐसा था की मुझे बड़ो की गलतिय दिखती ही नही थी । क्योंकि मैंने बड़ों के आदेशों का पालन करना सीखा हें उनमे दोष निकालना नही।
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महात्मा गाँधी जी भारत को अंग्रजो से आजाद करना चाहते थे इसके लिए उन्होंने कई आन्दोलन किये
1. चम्पारण और खेड़ा आंदोलन :- यह आन्दोलन किशानो को उनकी फसल की सही कीमत दिलाने के पक्ष में किया गया.
2 .असहयोग आन्दोलन:-यह आन्दोलन लोगो को स्वदेशी वस्तुए का प्रयोग करने और विधेशी चीजो का बहिष्कार करने पर आधारित था.
3.नमक सत्याग्रह:-यह आन्दोलन नामक पर लगाये क्र को हटाने के विरोध में किया गया.
4.दलित आंदोलन :-यह आन्दोलन दलितों को समन्ता के अधिकार दिलाने के पक्ष में था .
5.भारत छोड़ो आंदोलन :- यह आन्दोलन अंग्रेजो से भारत को आज़ाद करने के लिए किया गया जो की सफल हुआ .
गांधी जी के इन सारे प्रयासों से भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिल गई।
हिन्दू मुस्लिम दंगो के कारण देश का विभाजन हुआ और देश का दो भागो मे बटवारा हुआ एक पाकिस्तान और दूसरा हिंदुस्तान और इस प्रकार १४ अगस्त को पाकिस्तान बना .
जब गाँधी जी ३० january 1948 को दिल्ली भवन में लोगो को सम्बोधित कर रहे थे तो उसी बिच भीड़ के बिच में से नाथू राम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी उनके मुँह से निकले आखरी शब्द “हे राम” थे जो की उनके स्मारक पर भी लिखा गया हे।